मिसेज सक्सेना के भव्य ड्राइंगरूम में प्रवेश करते ही लगा जैसे हम कश्मीर में आ गए हों। बाहर इतनी चिलचिलाती धूप थी कि गाड…
किसी की आँखों में सागर से भी गहरा पानी है अब्र बनके जो दिल पर मेरे ठहरा पानी बिना बुलाए ही आता है सूरते-सैलाब पुकार…
'वापसी' उषा प्रियमवदा की, रिश्तों की असली हकीकत उधेड के रख देने वाली कहानी है। एक ऐसी कहानी जो आज के समाज में …
एक ख़त तुम आईने की आराइश में जब खोई हुई सी थीं खुली आँखों की गहरी नींद में सोई हुई सी थीं तुम्हें जब अपनी चाहत थी …
कल शाम को एक जरूरत से तांगे पर बैठा हुआ जा रहा था कि रास्ते में एक और महाशय तांगे पर आ बैठे। तांगेवाला उन्हें बैठाना …
उनका सब कुछ पवित्र है। जाति में बाजे बजाकर शादी हुई थी। पत्नी ने 7 जन्मों में किसी दूसरे पुरुष को नहीं देखा। उन्होंने …
काशी के घाटों की सौध-श्रेणी जाह्नवी के पश्चिम तट पर धवल शैल माला-सी खड़ी है। उनके पीछे दिवाकर छुप चुके। सीढ़ियों पर वि…
उसने अपना पैर खुजाया अँगूठी के नग को देखा उठ कर ख़ाली जग को देखा चुटकी से एक तिनका तोड़ा चारपाई का बान मरोड़ा भ…
मैं बाल्यावस्था से ही सुरबाला के साथ पाठशाला जाया करता था तथा उसके साथ आंख-मिचौनी भी खेला करता था । मैं अक्सर उसके घर भ…
एक सरकारी दफ्तर में हम लोग एक काम से गए थे- संसद सदस्य तिवारी जी और मैं। दफ्तर में फैलते-फैलते यह खबर बड़े साहब के कान…
लचकती डाल पे खिलता हुआ गुलाब का फूल लबों के ख़म, झुकी आँखों की बोलती तस्वीर नई …
बस्ती-मुहल्ले में अब भी जब-तब द्रौपदी की चर्चा हो जाती है। जब वह मुहल्ले से गई, कई दिन उसका नाम लोगों की जबान पर रहा। …
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